मिलें मुश्किलें तो न घबराइएगा, जो शक्ति मिले तो न इतराइएगा मिलें मुश्किलें तो न घबराइएगा, जो शक्ति मिले तो न इतराइएगा
कोई नहीं है अपनी, अपनों की हाय में लूट गयी हूँ। कोई नहीं है अपनी, अपनों की हाय में लूट गयी हूँ।
जो चुभे सीधे से दिल में जख्म भरते भी नहीं। जो चुभे सीधे से दिल में जख्म भरते भी नहीं।
दुआ बनकर सुर्ख़ लबों पर, जो निखरने लगे दुआ बनकर सुर्ख़ लबों पर, जो निखरने लगे
ऋतुओं से बातें करता। ऋतुओं से बातें करता।
कत्ल अहसासों के मेरे, जरा फिर कर दोगे ? कत्ल अहसासों के मेरे, जरा फिर कर दोगे ?